• तुम्हारे माल और तुम्हारी औलाद तो एक आज़माइश हैं, और अल्लाह ही है जिसके पास बड़ा बदला है। (सूरह तगाबुन, आयत 15)
• और हम ज़रूर तुम्हें डर, भूख, जान-माल की हानियों और आमदनियों के घाटे में डालकर तुम्हारी आज़माइश करेंगे। इन हालात में जो लोग सब्र से काम लें और जब कोई मुसीबत पड़े, तो कहें कि "हम अल्लाह ही के हैं और अल्लाह ही की ओर हमें पलटकर जाना है” उन्हें (बड़ी कामयाबी की) खुशख़बरी दे दो। (सूरह बकरा, आयत 155)
दौलत अल्लाह तआला के अज़ाब (दंड) देने का साधन भी है।
• निम्नलिखीत आयत से यह सिद्ध होता है की अल्लाह तआला माल और दौलत से इनसानों को सज़ा भी देते है।
• इनके माल और दौलत और इनकी औलाद की बहुलता को देखकर धोखा न खाओ, अल्लाह तो यह चाहता है कि इन्हीं चीज़ों के द्वारा इनको दुनिया की ज़िन्दगी में भी अज़ाब में ग्रस्त करे और ये जान भी दें तो सत्य के इनकार ही की हालत में दें। (सूरह तौबा, आयत 55)
इस आयत में ईश्वर की ना मानने वालों के लिए 'इनके' 'इनको' यह शब्द इस्तेमाल हुए हैं।
